बी.ए.
भाग 1
पेपर नं. 1 और 2 . साहित्य जगत्
पेपर नं. 1 और 2 . साहित्य जगत्
v पाठ्यक्रम से सिद्धी :
C.O.1. हिंदी भाषा तथा व्याकरण का अध्ययन करने में सक्षम बन जाएंगे
.
C.O.2. दृक-श्राव्य
साधनों/माध्यमों का व्यवहारिक जीवन में उपयोग करने में सक्षम बन जाएंगे
C.O.3. हिंदी साहित्य
(विधा )के विविध रूपों को पहचानने में सक्षम
बन जाएंगे.
C.O.4. व्यावहारिक लेखन
का महत्त्व एवं उसकी उपयोगिता को आत्मसात करने
में सक्षम बन जाएंगे.
C.O.5. लेखकों, कवियों की मौलिक
कृतियों की समीक्षा करने में सक्षम बन जाएंगे.
बी.ए. भाग 2
पेपर
नं. 3 . आधुनिक गद्य साहित्य
C.O.1.साहित्य के अध्ययन
से छात्र नैतिक मूल्य, राष्ट्रीय मूल्य एवं उत्तरदायित्व के प्रति जागृत हो जाएंगे.
C.O.2.छात्र हिंदी के प्रतिनिधि
कवियों से एवं उनके काव्य एवं उनकी सुधारवादी भूमिका से परिचित हो जाएंगे.
C.O.3.छात्रों में हिंदी भाषा के श्रवण, पठन एवं लेखन की
क्षमताओं में विकास हो जाएगा.
C.O.4.कथा एवं कथेतर
साहित्य की सीमाओं एवं उसकी विशेषताओं से परिचित हो जाएंगे.
C.O.5.स्वामी विवेकानंद
जैसे आदर्शवादी युवक बनने का प्रयास करेंगे.
C.O.6.हास्य-व्यंग्य
साहित्य के अध्ययन से जीवन के प्रति देखने का नजरिया बदल जाएगा.
पेपर
नं. 4 . मध्यकालीन एवं आधुनिक काव्य
C.O.1. मध्यकालीन
काव्य के सुधारवादी विचारों से परिचित हो
जाएंगे.
C.O.2. आधुनिककालीन
काव्य एवं कवियों से परिचित हो जाएंगे.
C.O.3. निर्गुण एवं सगुण
काव्यधारा के काव्य की विशेषताओं से परिचित हो जाएंगे.
C.O.4. कवियों के द्वारा
दिए गए सुधारवादी विचारों से प्रभावित एवं
प्रोत्साहित हो जाएंगे .
पेपर नं. 5 . आधुनिक गद्य साहित्य
C.O.1. मन्नू भंडारी और श्रवणकुमार
गोस्वामी के व्यक्तित्व से भली-भाँती परिचित हो जाएंगे .
C.O.2. मन्नू भंडारी और श्रवणकुमार
गोस्वामी के नाट्य रचनाओं से परिचित हो
जाएंगे .
C.O.3. नाटकों के कथ्य एवं शैली से परिचित हो जाएंगे.
C.O.4. नाटकों के उद्देश्य की सार्थकता से परिचित हो जाएंगे.
C.O.5. नाटकों के भाषा शैली और अभिनय एवं रस तत्त्व से परिचित
हो जाएंगे.
पेपर
नं. 6 . आधुनिक काव्य
C.O.1. मैथिंलीशरण गुप्त
और सूर्यकातं त्रिपाठी ’निराला’ के
व्यक्तित्व से परिचित हो जाएंगे.
C.O.2. मैथिंलीशरण गुप्त
और सूर्यकातं त्रिपाठी ’निराला’ के खण्डकाव्य
से परिचित हो जाएंगे.
C.O.3. खण्डकाव्य के
चरित्र चित्रण एवं संवाद की विशेषताओं से
परिचित हो जाएंगे.
C.O.4. खण्डकाव्य के
देशकाल तथा वातावरण तत्त्व से परिचित हो जाएंगे.
C.O.5. खण्डकाव्य की भाषा
शैली रस, वर्णन तत्त्व से परिचित हो जाएंगे.
बी.ए. भाग 3
पेपर नं. 7 .विधा
विशेष का अध्ययन
C.O.1. कृष्णा अग्निहोत्री और कौसल्या
बैसंत्री के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से परिचित हो जाएंगे .
C.O.2. रचनाकार एवं रचना विशेष का महत्व एवं उसका मूल्यांकन करने में सक्षम बन जाएंगे
.
C.O.3. रचना के आस्वादन एवं समीक्षण की क्षमता बढ जाएगी.
C.O.4. पाठ्यक्रम में निर्धारित उपन्यास एवं आत्मकथन की प्रसंगीकता से अवगत हो जाएंगे
.
पेपर नं. 8. साहित्यशास्त्र
C.O.1. काव्य / साहित्य
शब्द के अर्थ और स्वरूप को अच्छी तरह समझ
एवं स्पष्ट कर सकेंगे.
C.O.2. काव्य / साहित्य
की विविध परिभाषा बताने एवं समझने में
सक्षम बन जाएंगे.
C.O.3. साहित्य समीक्षा
की दृष्टि विकसित हो जाएगी.
C.O.4. खंडकाव्य और महाकाव्य
के अंतर को स्पष्ट करने में सक्षम बन जाएंगे.
C.O.5. आधुनिक काल की
सभी विधाओं एवं उसके तत्व को स्पष्ट करने सक्षम बन जाएंगे.
C.O.6. भारतीय तथा
पाश्चात्य समीक्षा सिद्धांतों तथा हिंदी
आलोचना की विविध प्रणालियों का ज्ञान प्राप्त हो जाएगा.
पेपर
नं. 9. हिंदी साहित्य का इतिहास ( सन 2000 ई. तक )
C.O.1.हिंदी साहित्य के
इतिहास के कालविभाजन और नामकरण की समस्या से परिचित होंगे.
C.O.२.आदिकालीन
प्रातिनिधिक रचनाकारों की रचना एवं रचना की
विशेषताएँ
जान जाएंगे.
C.O.3. सगुण एवं
निर्गुण धरा के साहित्य उनकी विशेषताएँ जान जाएंगे.
C.O.4. रीतीकालीन
परिस्थितियों से परिचित हो जाएंगे.
C.O.5. आधुनिक काल के काव्य
की विभिन्न धाराओं की विशेषताओं को समझ सकेंगे.
पेपर
नं. 10. प्रयोजनमूलक हिंदी
C.O.1. प्रयोजमूलक
हिदी के विशिष्ट प्रयोजन क्या होते है
उन्हें पहचानने में सक्षम हो जाएंगे
C.O.2. पारिभाषिक
शब्दावली के विविध रुपों एवं अर्थ को
और व्यवहारिक जीवन में इस्तमाल करने में सक्षम हो जाएंगे .
C.O.3. मराठी से हिंदी
और आंग्रेजी भाषा में अनुवाद करने में
सक्षम हो जाएंगे .
C.O.4. जनसंचार के
माध्यमों के महत्व एवं उसके विविध अंगों को आत्मसात कर लेगा.
पेपर
नं. 11. भाषा विज्ञान एवं हिंदी भाषा
C.O.1. भाषा के व्यापक एवं सीमित अर्थ को
पहचानने में सक्षम हो जाएंगे .
C.O.2. भाषा के विविध रुपों को
पहचानने में सक्षम हो जाएंगे .
C.O.3.भाषाविज्ञान के विकास और वर्तमान स्थिति को समझने में सक्षम हो जाएंगे .
C.O.4. भाषाविज्ञान के विविध अंगों, भाषाविज्ञान की वैज्ञानिकता को आत्मसात कर
लेगा.
C.O.5. भाषाविज्ञान का अन्य ज्ञान-विज्ञानों से संबंध को जान जाएंगे .